366. रक्षिञ्चमनि
रागम् :बृंदावनसारङ्ग ताळम् :रूपक
पल्लवी
रक्षिञ्चमनि पिलचिति नम्मा |
विनरा लेदा ना पिलुपु – रक्षिञ्चमनि ||
अनुपल्लवी
आर्तुल बन्धुलु विंदुवनि
वेगमुगा राक्षिंतुवनि
नम्म पलिकिरि नी भक्तुलु - रक्षिंचमनि ||
आर्तुल बन्धुलु विंदुवनि
वेगमुगा राक्षिंतुवनि
नम्म पलिकिरि नी भक्तुलु - रक्षिंचमनि ||
चरणम्
एमरका भक्तुल तोडुगा उंटावनि
पलिकिरि नी भक्तुलु पलिकिन माटलु
निजमु चेयवे नाकन्न तल्ली शिवकामेश्वरी - रक्षिंचमनि ||
पलिकिरि नी भक्तुलु पलिकिन माटलु
निजमु चेयवे नाकन्न तल्ली शिवकामेश्वरी - रक्षिंचमनि ||
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రాగం: తాళం: అది
పల్లవీ
అనుపల్లవి
చరణం
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366.Rakshinchamani
Ragam:Brindavanasaranaga Thalam: Roopakam
Pallavi
Rakshinchamani pilachithi namma |
Vinaraa ledhaa naa pilipu – Rakshinchamani ||
Anupallavi
Aarthula baadhulu vindhuvani
Vegamugaa rakshinthuvani
Nammapalikiri nee bhakthulu - Rakshinchamani ||
Charanam
Emarakaa bhakthula thoduga untaavani
Palikiri nee bhakthulu palikina maatalu
Nijamu cheyave naakanna thallee shivakameshwaree
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